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Monday, July 11, 2011

तमाम ख्वाब देखे एक और देखना है......

पास आपके दुनिया का हर सितारा हो
दूर आपसे गम का किनारा हो
जब भी आपकी पलकें खुलें सामने वही हो
जो दुनिया में सबसे प्यारा हो।

कु. रागिनी तायवाड़े, राजनांदगांव (छग)

तमाम ख्वाब देखे एक और देखना है
कभी रूबरू जब होंगे जी भरके देखना है
हम तो हंसते मुस्कराते हुए जी रहे हैं
बस इसी दीवानगी का असर देखना है।

उर्मिला यादव, भोपाल (मप्र)

सपना किसी भी आंख के अंदर नहीं मिलता
शोले धधक रहे हैं समंदर नहीं मिलता
मुट्ठी में रख सके जो मुकद्दर को बांध के
इस दौर में ढूंढे तो सिकंदर नहीं मिलता।

अविनाश बागड़े, नागपुर (महाराष्ट्र)

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