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Monday, July 11, 2011

इरादों को मकसद बना कर तो देखो

इरादों को मकसद बना कर तो देखो
कुछ राज हैं जो बताए नहीं जाते
कुछ आंसू हैं जो दिखाए नहीं जाते।
हम बदनसीब किसी को याद नहीं आते
आप वो खुशनसीब जो भुलाए नहीं जाते।

अजहरुद्दीन कुरेशी, सरवाड, अजमेर (राज.)

मुश्किलों में जो साथ हुआ करते हैं
हम उनके हक में भी दुआ करते हैं।
उम्मीद उन लोगों से भला क्या करना
जिनके दरवाजों पर पहरे हुआ करते हैं।

अमर मलंग, कटनी (मप्र)

निगाहों में सपना सजा कर तो देखो
इरादों को मकसद बना कर तो देखो।
किनारे पर रहकर किसे क्या मिला है
जरा बीच सागर में जाकर तो देखो।

विष्णु प्रसाद चौहान, ढाबला, हरदू (मप्र)

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