
छोटे से दिल में ग़म बहुत है
जिंदगी में मिलते जख्म बहुत हैं
मार डालती हमें कब की ये दुनिया
दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है।
विशाल जैन, घुवारा (मप्र)
माना कि हर घर ताज नहीं होता
हर थोबड़ा मुमताज नहीं होता
तेरे लटके-झटकों में न पड़ता मैं
तो इस तरह बेरोजगार नहीं होता।
बलवीर सिंह, सीकर (राजस्थान)
कसूर न उनका था न मेरा
हम दोनों ही रिश्तों को निबाहते रहे
वो दोस्ती का एहसास जताते रहे
और हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे।
आन वर्मा, रैवांसी सीकर(राजस्थान)
जिंदगी में मिलते जख्म बहुत हैं
मार डालती हमें कब की ये दुनिया
दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है।
विशाल जैन, घुवारा (मप्र)
माना कि हर घर ताज नहीं होता
हर थोबड़ा मुमताज नहीं होता
तेरे लटके-झटकों में न पड़ता मैं
तो इस तरह बेरोजगार नहीं होता।
बलवीर सिंह, सीकर (राजस्थान)
कसूर न उनका था न मेरा
हम दोनों ही रिश्तों को निबाहते रहे
वो दोस्ती का एहसास जताते रहे
और हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे।
आन वर्मा, रैवांसी सीकर(राजस्थान)
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