
जीवन क्या है किसी दु:खी को तुम अपनाकर देखो
खुशी क्या है किसी के तुम काम आकर देखो
सुख मिलता है कैसे जीवनभर न समझ पाया कोई
किसी के गम में खुद को तुम लूटाकर देखो
बहुत खूब। कहते हैं कि-
मशवरा है बड़े खुलुस के साथ कि दूसरे के दुखों में काम आओ।
तुम फरिश्ता तो बन नहीं सकते कम से कम आदमी तो बन जाओ।।
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
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