
तुम्हे भुलाने की हर कोशिश मेरी
न जाने क्यों नाकाम रही
ऐसा उलझा हूं यादों में तेरी
न सुबह रही मेरी, न मेरी शाम रही
ब्रजलाल ईमने, नेपानगर बुरहानपुर (मप्र)
ख्वाबों की हर एक गली देखी
बाग़ों में खिलती हर एक कली देखी
जो कहते थे, कभी न भूल पाएंगे
उसी के घर अपनी तस्वीर जली देखी।
ज्ञानेश्वर गेंडरे, सिमगा (छत्तीसगढ़)
वो चल पड़े होंगे अपने घर से महक उठा गरीबख़ाना
इस खबर से और कब तक इंतज़ार किया जाए
पूछ रही हैं नज़रें, हर इक नज़र से
अमर मलंग, कटनी (मप्र)
न जाने क्यों नाकाम रही
ऐसा उलझा हूं यादों में तेरी
न सुबह रही मेरी, न मेरी शाम रही
ब्रजलाल ईमने, नेपानगर बुरहानपुर (मप्र)
ख्वाबों की हर एक गली देखी
बाग़ों में खिलती हर एक कली देखी
जो कहते थे, कभी न भूल पाएंगे
उसी के घर अपनी तस्वीर जली देखी।
ज्ञानेश्वर गेंडरे, सिमगा (छत्तीसगढ़)
वो चल पड़े होंगे अपने घर से महक उठा गरीबख़ाना
इस खबर से और कब तक इंतज़ार किया जाए
पूछ रही हैं नज़रें, हर इक नज़र से
अमर मलंग, कटनी (मप्र)
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